Wednesday 24 February 2016

गजल संग्रह : हर घर में उजाला जाए -प. अरविन्द त्रिवेदी:समीक्षक - संजय वर्मा "दृष्टि "



जनमंचों पर अपनी साहित्य विधा के हर रंग का जादू बिखेरने वाले वरिष्ट कवि प. अरविन्द त्रिवेदी "सनन " यूँ तो जन -जन में लोकप्रिय है उतनी ही उनकी धार्मिक एवम साहित्यिक  कर्म में रूचि अम्बर को छू रही है । स्वयं को बड़ा कभी न महसूस समझने वाले प. अरविन्द त्रिवेदी "सनन " का सहयोग की भावना का एक नया रूप और मंशा  गजल संग्रह में स्पष्ट झलकती है । गजल संग्रह के शीर्षक से ही हमें इस बात का पता चलता है कि -"हर घर में उजाला जाये "सच मुच  आपने अपने विद्वान् पिता नाम तो रोशन किया ही है साथ ही महाकाल नगरी के अलावा प्रदेशों में भी अपनी पहचान के झंडे गाड़े है ।  सरस्वती वंदना में आप के स्वर कानों में मिश्री घोलते वही काव्य रसिकों को शब्दों के चुम्बकीय आकर्षणता  में बांध कर एक नई  उर्जा का संचार कर देते है । इस कला की जितनी भी प्रशंसा  की जाये  उतनी कम होगी। 
वर्तमान हालातों पर गजल की सटीक पक्तियाँ कुछ यू बयां करती है -"ये गीत और भजन तो है टी वी डूबा गई /सुनसान सनन कह रहा चोपाल देखकर " । निराशा को दूर करने का मूलमंत्र भी दिया है-  "यूँ  हार  कर के मोंत का दामन न थामिये /हर इक समस्या का है समाधान जिन्दगी " ।सनन की सोच काफी गहराई वाली है - "जिसकी सूनी आँखे सब कह जाती है /वह बच्चा भी मुझको शायर लगता है  "
जन जन में लोकप्रिय वरिष्ट कवि प. अरविन्द त्रिवेदी "सनन " का नाम ही काफी है । लोगो से उन्हें असीम प्यार मिला है और यही बात गजल  में भी दिखलाई पड़ती है -"मेने प्यार पाया है महफिलों में लोगों से /वर्ना मेरी जिन्दगी तो जिन्दगी नहीं होती "वही धर्मनिरपेक्षता  का पुनीत सन्देश दिया है - "भाई चारा बढता है मिलने और मिलाने से /कबूतर उड़ाने से शांति नहीं होती " । प्रेम की कशिश को गजल की  में बेहतर तरीके से ढाला है -जब जब तेरी याद के बादल छाते है /आँखों में बारिश का मोसम होता है " व्  " तेरी गजल दिल की बात कहती है /तेरी बातों में कितना दम होता है " मालवी बोली की मिठास की पूरी दुनिया कायल है नशा मुक्ति का सन्देश हास्य रस में गजब दिया -" घर से चल्या था बन के वी लाड़ा बजार में /पीके  वी दारू अब पड्या आडा बजार में " सनन जी की हर गजल दमदार है  और दिल को छू  जाने वाली है यकीं न होतो इन पंक्तिओं पर तनिक गोर फरमाए -"में सुबह जागूं या कोई है जगाता मुझकों /न उठूँगा तो फिर आयेंगे उठाने वाले "। हर घर में उजाला जाये १००% दिलों में जगह बनाएगी इसमें कोई शक नहीं है। हमारी यही शुभकामनाये है ।
गजलकार -प. अरविन्द त्रिवेदी "सनन "
प्रकाशक -शब्द प्रवाह साहित्य मंच                                     संजय वर्मा "दृष्टि "
                ए /99 , व्ही। डी.मार्केट                              125 .शहिद भगत सिंग मार्ग
            उज्जैन (म प्र ) 456006                                    मनावर जिला -धार      
  मूल्य -  195 /-रूपये  

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